Film Emergency Latest Update : पिछले कुछ दिनों से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Bollywood Actress Kangana Ranaut) की अपकमिंग फिल्म “इमरजेंसी” सुर्खियों में है! क्योंकि जब से इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है तब से विवादों में घिरा हुआ है। यहां तक की इस फिल्म को अभी तक सेंसर बोर्ड से अनुमति भी नहीं मिली। इसी बीच इस फिल्म पर एक और बड़ा आरोप लग रहा है।
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म “इमरजेंसी” में कुछ कंटेंट संवेदनशील है। जो कि लोगों के भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। वही इसको लेकर कुछ धार्मिक संगठनों ने भी आपत्ति जताई है। आपको बता दें कि बीजेपी सांसद सह बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत इस फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाई है।
"I had gotten the film cleared from the censor first and only after that announced the release date for the film"— Kangana Ranaut 🚨
— ᴋᴀɴɢᴀɴᴀ ꜰᴀɴ (@KanganaFansR) September 2, 2024
Stop trying to silence her and "Give Censor Certificate to Emergency" 🙏🏻#KanganaRanaut #Emergency pic.twitter.com/Um0k68nGDM
वही, कंगना रनौत ने यह भी दवा किया कि उन्हें कुछ लोगों के द्वारा जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 1984 में सिख अंगरक्षकों द्वारा इंदिरा गांधी की हत्या को इस फिल्म में ना दिखाने का दबाव दिया जा रहा है। बता दे की MP हाई कोर्ट ने कंगना, केंद्र सरकार, सेंसर बोर्ड को उस जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें फिल्म इमरजेंसी की स्क्रेनिंग को किस आधार पर चुनौती दी गई थी।
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— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) August 30, 2024
आपको बता दे की जनहित याचिका यानी PIL में बताया गया की फिल्म “इमरजेंसी” में ऐसी सीन है जो सिख समुदाय के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है और मूवी में मुख्य किरदार निभाने वाली अभिनेत्री और अन्य जिम्मेदार लोगों से बिना शर्त माफी मांग की गई है। इसको लेकर कोर्ट ने 3 सितंबर की सुनवाई करेगी।
मनोज मुंशीतर ने फिल्म इमरजेंसी को लेकर कंगना रनौत का सपोर्ट किया है। उन्होंने अपने इंस्टा अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने बताया की “लोगों से अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार छीना जा रहा है, फिल्म इमरजेंसी में जो चीज दिखाई गई है इसमें कुछ भी गलत या झूठ नहीं है। वीडियो के माध्यम से उन्होंने यह भी कहा की “एक फिल्म तो हमसे बर्दाश्त नहीं हो रही और हम फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की बात करते हैं।